रायपुर । सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड किए हुए अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाई कोर्ट के फैसले पर कुछ शर्तों के साथ राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, जब सहायक शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग और अंतिम चयन सूची जारी होने वाली है। ऐसे समय में बीएड वालों को इस भर्ती से अलग करना ठीक नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये जरूर कहा है कि, सहायक शिक्षक भर्ती हाई कोर्ट के फैसले के अधीन होंगी। इसका मतलब साफ है कि, भर्ती के लिए जो भी आदेश निकाले जाएंगे वे हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार होंगे।
प्रदेश में वर्ष 2023 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के शासनकाल में 6500 सहायक शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी। भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद बिहार के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया। जिसके अनुसार प्रायमरी स्कूलों के लिए सहायक शिक्षकों की भर्ती में बीएड की बजाए डीएड वालों की पात्रता होनी चाहिए। बिहार में सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड वालों की पात्रता के खिलाफ डीएड डिप्लोमा वाले सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि, बीएड डिग्री उपर के क्लास के लिए है। प्रायमरी लेवल पर छोटे बच्चों को पढाने के लिए डीएड काफी है। इसके बाद बिहार में भर्ती रोक दी गई।
छत्तीसगढ़ में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद भी भर्ती कंटीन्यू रखी था। सिर्फ यह आदेश निकाल दिया था कि, भर्ती हाई कोर्ट के फैसले के अधीन होगी। दरअसल, छत्तीसगढ़ में भी डीएलएड वाले बीएड वालों को मौका देने के सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट गए थे। बहरहाल, पिछले हफ्ते बिलासपुर हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ में सहायक शिक्षकों की भर्ती में बीएड वालों पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अब फिलहाल रोक हटा दिया है।
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