इंदौर । सिंहस्थ 2028 की तैयारी शुरू हो गई है। कान्ह नदी में सीवरेज को मिलने से रोकने के लिए आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे। नगर निगम ग्रामीण क्षेत्रों में टेपिंग करेगा। नदी में मिलने वाले आउटफाल भी बंद किए जाएंगे। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने गुरुवार को नमामि गंगे मिशन चरण एक, अमृत प्रोजेक्ट-2 के तहत शहर के सीवर नेटवर्क एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर समीक्षा बैठक ली। इसमें नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय के कार्यपालक यंत्री रवि चतुर्वेदी, नमामि गंगे प्रोजेक्ट के राज्य स्तरीय विशेषज्ञ, अमृत प्रोजेक्ट के विशेषज्ञ शामिल हुए। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि सिंहस्थ 2028 को देखते हुए कान्ह नदी को शुद्ध बनाए रखने के लिए क्या किया जाए और अब तक इसके लिए क्या-क्या किया जा चुका है।
निगमायुक्त वर्मा ने बताया कि नगर निगम फिलहाल इंदौर से सांवेर तक कान्ह नदी का सर्वे करेगा। इसके तहत यह पता लगाया जाएगा कि नदी में कहां-कहां सीवेज मिल रहा है और कहां आउटफाल प्वाइंट हैं। नदी में सीवेज मिलने से कैसे रोका जा सकता है, इसका विश्लेषण भी करते हुए एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
यह रिपोर्ट नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (एनएमसीजी) को सौंपी जाएगी। 4 जून को आचार संहिता हटने के बाद इस योजना पर काम शुरू किया जाएगा। बैठक से पहले अधिकारियों ने शहर में कान्ह शुद्धीकरण के लिए बनाए गए एसटीपी का अवलोकन भी किया।
0 Comments