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कोल माइंस क्षेत्र में टीबी उन्मूलन को लेकर योजना

बलरामपुर। बिश्रामपुर  में कोल माइंस खदान में कार्यरत कर्मचारियों के लिए विशेष चिकित्सालय के उच्च अधिकारियों से टीबी मुक्त भारत की चर्चा और प्लानिंग की गई। जिला क्षय उन्मूलन केन्द्र सूरजपुर संजीत कुमार,  पिरामल फाउंडेशन के महेन्द्र तिवारी एवं राज नारायण द्विवेदी ने डॉ निरंजन से चर्चा कर टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को गति प्रदान करने हेतु विचार विमर्श किया।

डॉ निरंजन ने बताया कि टीबी उन्मूलन के लिए सामुदायिक सहभागिता आवश्यक है। अस्पतालों में वहीं आता है जिन्हें तकलीफ है, चिकित्सक उनके बिमारी के अनुसार दवा देता है परन्तु जब टीबी को जड़ से खत्म करने की बात हो तो सिर्फ पेशेन्ट के उपचार से टीबी मुक्त भारत नहीं बनेगा। समुदाय के लोगों को समझना होगा कि एक टीबी पेसेंट दस से पन्द्रह लोगों को फैलाता है इस लिए इसे सामुदायिक सहभागिता से टीबी मुक्त भारत का निर्माण होगा।

संजीत कुमार ने कहा की इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर महोदय ने महाअभियान की शुरुआत की उससे जिलें में रेफरल बढ़ा है। स्थानीय अस्पतालों के ओपीडी में आयें पेशेन्टों का टीबी का जांच हो, लक्षण के आधार पर एक्स-रे करवाया जाये। पिरामल फाऊंडेशन के महेन्द्र ने एक्टीव केश फाइंडिंग के लिए प्लानिंग की बातें कही जिससे सघन रूप से टीबी खोज अभियान चलाया जाये।

राज नारायण द्विवेदी ने संख्यात्मक तथ्यों के ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि सूरजपुर जिला के लोग अन्य जिला में जाकर उपचार करवाते हैं वहां से पुष्टि होने पर सूरजपुर रेफर कर दिया जाता है प्राथमिकता के तौर पर प्रथमिक उपचार में ही पेशेन्ट का काउंसलिंग हो जाय तो रोगी बाहर नहीं जायेगा।


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