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विधानसभा सत्र में कमल विहार का मुद्दा गरमाया, वित्त मंत्री ने किए सवाल

रायपुर। विधानसभा सत्र के चौथे दिन कमल विहार का मामला उठा. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेश मूणत ने लैंड यूज बदले बिना टेंडर निकालने का मामला उठाया. आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि 2021 के मास्टरप्लान में सिटी पार्क को बाद के मास्टरप्लान में आमोद-प्रमोद कर दिया गया था. भाजपा विधायक राजेश मूणत के सवाल पर आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि 2021 के मास्टरप्लान में सिटी पार्क लैंड यूज था. टाउन प्लानिंग स्कीम के स्वीकृत प्लान के मुताबिक़ पार्क स्वीकृत किया गया था. इससे 40 लाख रुपये फंड रेसिंग का भी प्रावधान था।

2021 के मास्टरप्लान में सिटी पार्क था. इसके बाद के मास्टरप्लान में आमोद-प्रमोद कर दिया गया. बेस प्राइज़ से ज़्यादा दर पर श्रीजी कृपा नाम के फर्म ने 72 करोड़ रुपये में बीड किया था. लैंड यूस फर्म को करना था, लेकिन उसने आरडीए से किए जाने की मांग को लेकर कमर्शियल कोर्ट में चला गया. यह मामला आर्बिट्रेशन में चल रहा है. राजेश मूणत ने कहा कि रिक्रियेशनल पार्क बनाने टेंडर निकाल लिया. पिछली सरकार के मंत्री ने फाइल अपने पास रख ली थी. रिक्रियेशनल पार्क के नाम पर मैरिज पैलेस नहीं बनाया जा सकता. कमल विहार में माता कौशल्या नाम की तख़्ती लगा दी गई. आज कमल विहार अंधेरे में डूबा है. आरडीए को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से नये सिरे से लैंड यूज चेंज करना होता है. बग़ैर ले आउट चेंज किए टेंडर कैसे कर दिया गया?

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