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शिक्षा विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री साय ने दिखाए सख्त तेवर, बोले – स्कूल जतन के नाम पर हुई गड़बड़ी की होगी जांच


रायपुर। दरअसल पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने स्कूलों के मरम्मत और क्रियाकलाप को लेकर स्कूल जतन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 370 करोड़ रुपये खर्च कर 1536 स्कूलों के मरम्मत का आदेश दिया था। इस मामले को लेकर कई स्तर पर गड़बड़ियों की शिकायत सरकार तक पहुंची थी। मुख्यमंत्री ने स्कूलों में कराए गए मरम्मत कार्य की जिलेवार जानकारी ली। जिसके बाद बैठक में ही मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में स्कूल जतन योजना के तहत कराए गए कार्यों की जांच के आदेश दिए।

करीब दो घंटे चली बैठक में मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग की योजनाओं की जानकारी लेने के साथ-साथ शिक्षा गुणवत्ता की अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूलों का नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए। नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में सभी बच्चों को गणवेश और पाठ्य-पुस्तक की उपलब्धता की भी जानकारी मुख्यमंत्री ने ली। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मैदानी स्तर पर जाकर स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग करें। कलेक्टर भी हर माह दो से तीन स्कूलों का दौरा कर वहां निरीक्षण करें।

बैठक में मुख्यमंत्री ने स्कूलों के जीर्णोद्धार कार्य की धीमी गति पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, जर्जर स्कूलों के जीर्णाेंद्धार के काम में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर स्कूल भवनों की सुदृढ़ता की स्वंय मानिटरिंग करें।

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