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महाराष्ट्र की महिला चोर गिरोह प्रदेश में सक्रिय, भीड़ वाली वाली जगहों पर महिलाओं को करती हैं टारगेट

रायपुर। रायपुर में महाराष्ट्र की महिला चोर गैंग का खुलासा हुआ है। ये ऑटो में बैठी महिलाओं से सवारी बनकर चालाकी से पर्स, गहने पार कर देती थीं। पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में गिरोह की तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है।

शातिर महिलाएं भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी महिलाओं को टारगेट कर चेन, पर्स और मोबाइल पार करती थीं। पुलिस ने इस तरह की ठगी के पैटर्न और इनसे बचने के तरीके भी बताएं हैं।

इस तरह देते थे चोरी को अंजाम

पीड़िता पुष्पा धुव्र के मुताबिक 10 अगस्त को पंडरी जाने के लिए वो भाठागांव चौक से ऑटो में सवार हुई। पुष्पा अपने बैग के अंदर एक छोटे पर्स में करीब 14 हजार रुपए नगद और कुछ चिल्लहर रखे थे। कुछ दूरी पर ऑटो में तीन महिलाएं भी सवार हो गई जो आपस में मराठी भाषा में बातें कर रही थी। फिर बस स्टैंड के पहले हनुमान मंदिर के पास तीनों महिलाएं उतर गई।

ऑटो जब शास्त्री चौक के पास पहुंचा तो पुष्पा ने पैसे देने के लिए बैग देखा तो पर्स गायब मिला। पुष्पा को उन महिलाओं पर शक हुआ तो उसने पुरानी बस्ती थाने पर जाकर शिकायत दर्ज कराई।

इस घटना के करीब 10 दिन बाद पुलिस ने छानबीन करते हुए तीन महिलाओं को लाखेनगर चौक के पास से गिरफ्तार कर लिया।

रायपुर पश्चिम ASP दौलतराम पोर्ते के मुताबिक पकड़ीं गई तीनों महिलाएं नागपुर की रहने वाली हैं। गैंग के सदस्य अलग-अलग राज्यों में घूम कर शातिर तरीके से चोरी और ठगी को अंजाम देतीं हैं। ये ज्यादातर सोने की चेन, पर्स और मोबाइल को टारगेट करती हैं।

ये भीड़भाड़ वाली जगह में टारगेट खोजते हैं। चोरी के बाद ये एक दूसरे को इशारा कर देती हैं। फिर सभी एक साथ मौके से फरार हो जाती हैं। गैंग किसी भी शहर में करीब 6 से ज्यादा वारदातें करता है। फिर ये उस शहर को छोड़ देते हैं।

गिरफ्तार की गईं महिला चोरों के नाम

शिल्पा उमे (35) निवासी, नागपुर महाराष्ट्र।

रुचि बिसने (40) नागपुर, महाराष्ट्र।

मनीषा बिसने (30) नागपुर, महाराष्ट्र।

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