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जिस अस्पताल में डॉक्टर की हत्या, तुरंत शुरू हो गया रेनोवेशन; महिला आयोग ने उठाए गंभीर सवाल

कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने आरोप लगाया है कि सूबतों से छेड़छाड़ के लिए जल्दबाजी में अस्पताल का रेनोवेशन शुरू कर दिया गया। महिला आयोग ने कहा कि घटनास्थल को पुलिस द्वारा तुरंत सील कर दिया जाना चाहिए था। महिला आयोग ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की जांच में पाया गया है कि अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था का अभाव था। इसके अलावा अस्पताल का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बेहद कमजोर था।

एनसीडब्लू ने दावा किया है कि अस्पताल में कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। वहीं इंटर्न, डॉक्टर और नर्सों को बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के नाइट शिफ्ट के लिए बुलाया जाता था। पैनल ने कहा कि अस्पताल में सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है। घटनास्थल के आसपास अचानक रेनोवेशन का काम शुरू कर दिया गया। पुलिस को घटनास्थल को तुरंत सील कर देना चाहिए था।

इसके अलावा महिला कर्मचारियों के लिए अस्पताल में अलग से कोई व्यवस्था नहीं थी। वॉशरूम की भी दशा बेहद खराब थी और वहां ठीक से लाइट का भी प्रबंध नहीं था। जांच पर भी महिला आयोग ने गंभीर सवाल उठाए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दिलीप घोष ने घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था। महिला आयोग ने कहा कि उनसे पूछताछ अभी पूरी नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स का जिक्र करते हुए NCW ने कहा कि 10 अगस्त को आयोग ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था और कहा था कि तुरंत कार्रवाई की जाए।

वहीं महिला आयोग ने दो सदस्यों की जांच कमेटी बननाई थी। इसमें देलीना खोंडगुप और ऐडवोकेट सोमा चौधरी शामिल थीं। 12 अगस्त को कमेटी कोलकाता पहुंची थी। उधर इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने शनिवार को 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है। ऐसे में पूरे देश में ही चिकित्सा सेवाएं बाधित हो गई हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। केवल इमरजेंसी सेवाएं ही जारी हैं।

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