गरियाबंद। कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने जिले में फ्लोरोसिस एवं नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, शिक्षा, पंचायत, समाज कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक ली। उन्होंने कहा कि फ्लोरोसिस एक सार्वजनिक लोक स्वास्थ्य समस्या है, जो लंबे समय तक पीने के पानी, खाद्य उत्पादों एवं औद्योगिक उत्सर्जन के माध्यम से फ्लोराइड के अत्यधिक सेवन के कारण होता है। जिसके कारण दंत फ्लोरोसिस, स्केलेटल फ्लोरोसिस एवं नान - स्केलेटल फ्लोरोसिस जैसी प्रमुख स्वास्थ्य संबंधी बीमारियाँ होती है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के पेयजल स्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर सीमा से अधिक मिलने पर, उस क्षेत्र के समस्त पेयजल स्रोतों का परीक्षण प्रयोगशाला से पेयजल स्रोत के फ्लोराइड से प्रभावित होने का जांच करे। इसके लिए संबंधित विभाग के समन्वय से फ्लोरोसिस से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करे, चयनित क्षेत्र में फ्लोरोसिस नियंत्रण के व्यापक प्रबंधन, फ्लोरोसिस के रोकथाम, निदान और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करे। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्रों के स्कूली बच्चों सहित समुदाय में फ्लोरोसिस की जांच करें। लोगों में फ्लोरोसिस की अधिकता से होने वाले रोगों एवं रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाए। जिससे की मरीजों का चिन्हांकन कर समय पर उनका ईलाज किया जा सके। फ्लोरोसिस नियंत्रण के लिए फ्लोराइड आधिक्यता से होने वाली बीमारियों की पहचान एवं जागरूकता लाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री ए.के. सारस्वत, लोक स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालन अभियंता पंकज जैन, डीएमसी के.एस नायक, एसडीओ पीएचई जागेश्वर मरकाम, सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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