नई दिल्ली। कोलकाता में चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या मामले से संबंधित याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट पेश की। बंगाल सरकार ने भी कोर्ट को स्थिति रिपोर्ट सौंपी। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें बताया गया है कि जब डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे, तब 23 लोगों की मौत हो गई। सुनवाई के बाद कोर्ट सीबीआई से नई स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने जांच एजेंसी को एक हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
प्रिंसिपल के आवास और अस्पताल के बीच की दूरी के बारे में पूछा
सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से आरजी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के आवास और अस्पताल के बीच की दूरी के बारे में पूछा। एसजी मेहता ने जवाब दिया, 'लगभग 15-20 मिनट का'। एसजी मेहता ने मामले की सुनवाई के दौरान जोर देकर कहा कि वह हम सबकी बेटी है। मामले में दोषियों को जल्द जल्द सज दी जानी चाहिए।
अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज करने के समय पर स्पष्टीकरण मांगा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज करने के समय पर स्पष्टीकरण मांगा। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे दिया गया, अप्राकृतिक मौत की एंट्री पुलिस स्टेशन में दोपहर 2:55 बजे की गई। सुप्रीम कोर्ट ने तलाशी और जब्ती के बारे में जानना चाहा। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शाम 8:30 बजे से 10:45 बजे तक जवाब दिया।
क्या सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपे गए थे?
सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को सौंपे गए थे। एसजी मेहता ने जवाब दिया, 'हां'। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की फुटेज सीबीआई को सौंपे गए? इस पर एसजी मेहता ने जवाब दिया कि कुल 27 मिनट के 4 क्लिप सीबीआई को सौंपे गए। एसजी ने कहा कि सीबीआई ने नमूने एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला को भेजने का फैसला किया है।
सीबीआई को जांच पर नई स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश
कोर्ट ने सीबीआई को जांच पर नई स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। एसजी तुषार मेहता ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तैनात सुरक्षाकर्मियों से संबंधित मुद्दा उठाया। इस पर कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी को निर्देश दिया कि वे सीआईएसएफ की तीनों कंपनियों को आवास उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सीआईएसएफ को आवश्यक सभी उपकरण और सुरक्षा उपकरण आज ही सौंप दिए जाएं।
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