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प्राकृतिक आपदाओं में गई 173 लोगों की जान, सबसे ज्यादा मौतें रायपुर में

 


रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में प्राकृतिक आपदाओं ने रायपुर में अलग-अलग तरीकों से 170 से अधिक लोगों की जान ले ली। शहर होने के बाद भी प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की जान जा रही है। कभी बिजली गिरने से तो कभी पानी में डूबने से लोगों की मौत हो गई है।

रायपुर जिले में जनवरी से सितंबर 2024 तक अलग-अलग प्राकृतिक आपदाओं में कुल 173 लोगों की मौत हुई है। इनमें से रायपुर शहर में 94 लोगों की मौत हुई। आरंग में 35, अभनपुर में 19 और तिल्दा में 25 लोगों की जान प्राकृतिक आपदा के चलते हुई है। प्राकृतिक आपदा के तहत पानी में डूबने, आकाशीय बिजली की चपेट में आने, सांप काटने, मधुमक्खी काटने आदि से मौत शामिल हैं। इसी तरह जिले के अन्य ब्लॉकों में प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसल की क्षति और मकान टूटने की घटनाएं भी हुई हैं। प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों को आर्थिक क्षतिपूर्ति का प्रावधान है।

आरंग में फसल क्षति ज्यादा: आरंग इलाके में फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। यहां प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति की 103 घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा 52 लोगों के घर भी टूटे हैं। इसी तरह तिल्दा ब्लॉक में 98 मकान और 8 फसल क्षति की घटनाएं हुई हैं।

ये हैं प्राकृतिक आपदाएं

अतिवर्षा, ओला, पाला, तुसार, शीतलहर, टिड्डी, बाढ़, सूखा, आंधी-तूफान, भूकंप, भू-स्खलन, बादल का फटना, मिट्टी या बर्फ के पहाडों के खिसकना, सुनामी, कीट प्रकोप, लू और अग्नि दुर्घटनाओं को प्राकृतिक आपदा में शामिल किया गया है। हालांकि आगजनी को लेकर कुछ अलग प्रावधान भी हैं।

प्राकृतिक आपदा में किसी व्यक्ति की मौत होने पर जिला प्रशासन की ओर से 4 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के तौर पर देने का प्रावधान है। इसके अलावा फसल, मकान, मवेशी क्षति पर भी अलग-अलग क्षतिपूर्ति राशि तय है।

शहर में हो चुकी है घटना

तीजा के समय नवा रायपुर के जंगल सफारी के पास बिजली गिरने से युवक और 3 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। इसी तरह दो दिन पहले धरसींवा में भी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक युवती की मौत हो गई थी। इसके अलावा नदी, तालाब में डूबने से भी कई मौतें हुई हैं।


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