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200 करोड़ रूपए की लागत से तैयार हुआ है सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल सिम्स, पीएम मोदी 29 अक्टूबर को करेंगे लोकार्पण



रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के चतुर्मुखी विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि कार्य हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के पहले डिटिजल बजट में भी राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सुदृढिकरण की बडी झलक दिखी थी जो वास्तविकता का रूप लेती जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए प्रयोग और राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को खोलने के लिए केंद्रीय स्तर पर लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में 29 अक्टूबर को राज्य के बिलासपुर में 200 करोड़ रूपए की लागत से तैयार सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल सिम्स का लोकार्पण होने जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वचुअल माध्यम से इस अस्पताल का लोकार्पण करेंगे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भी उपस्थित रहेंगे। यह अस्पताल तीन चरणों में प्रारंभ होगा। पहले चरण में ओपीडी, दूसरे चरण में वार्ड और आईसीसीयू, डायलिसिस यूनिट व लैब तीसरे चरण में कैथ लैब, ओटी, हार्ट व लंब की मशीनें शुरू होंगी और चौथे चरण में अस्पताल पूरी तरह से काम करने लगेगा। बिलासपुर में इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के शुरू हो जाने से सरगुजा और बिलासपुर संभाग के मरीजों को रायपुर आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उन्हें पास में ही इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। 

इसी तरह से 29 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल माध्यम से रायपुर में 100 बिस्तरों वाले केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIYN) का शिलान्यास करेंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया है कि 90 करोड़ रूपए की लागत से इस संस्थान का निर्माण 24 माह में पूरा होगा। राज्य सरकार ने इस संस्थान के लिए 10 एकड़ की भूमि आयुष विभाग को उपलब्ध करा दी है। यह छत्तीसगढ़ का पहला योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र और अस्पताल होगा जो गैर संचारी रोगों के उपचार की सुविधा प्रदान करेगा। केंद्र में वेलनेस थिरेपी में प्रशिक्षण प्रमाणन पाठ्यक्रम और अनुसंधान में फेलोशिप पाठ्यक्रम का भी संचालन होगा। इस संस्थान के शुरू होने से योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रभावों के बारे में नए ज्ञान और अंतदृष्टि का विकास होगा।






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