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दंतेवाड़ा में मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, नेत्र सर्जन समेत 3 निलंबित


 

रायपुर। राज्य सरकार ने दंतेवाड़ा चिकित्सालय में मोतियाबिन्द सर्जरी के दौरान मरीजों के आंखों में संक्रमण की घटना को गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मामले में मोतियाबिंद सर्जरी करने वाली नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम, स्टाफ नर्स (आईओटी) ममता वेदे और नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ति टोप्पो को निलंबित किया गया है।

सरकार ने पूरे मामले की जांच कराई और जांच के बाद पाया कि मोतियाबिन्द सर्जरी के लिए निर्धारित प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया है। जांच में प्रथम दृष्टया जिला चिकित्सालय की नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम की लापरवाही मिली। निलंबन अवधि में डॉ.गीता नेताम का मुख्यालय कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दंतेवाड़ा होगा।

दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद मरीजों के आंखों में फैले संक्रमण के बाद 10 मरीजों को रायपुर के अंबेडकर अस्पताल लाया गया है। सभी मरीजों से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मुलाकात कर हालचाल जाना और डॉक्टरों से उनकी स्थिति और इलाज के बारे में विस्तृत चर्चा की है। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया था कि एक जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। देर शाम तक दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

यह है पूरा मामला

गौरतलब है कि दंतेवाड़ा में जिला अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। नेत्र सर्जन की लापरवाही के चलते दस मरीजों की आंखों में हमेशा के लिये अंधकार छा सकता था। दरअसल, मंगलवार को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 मरीजों का मोतियाबिंद आपरेशन किया गया। आपरेशन के अगले दिन दस मरीजों की आंखों में इंफेक्शन हो गया, आंखों में पस आना और खुजलाहट जैसी परेशानी होने लगी।

तब एक मरीज को जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज और 9 को रायपुर के अंबेडकर हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। इसके बाद रविवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी अस्पताल पहुंचे और मरीजों का हाल-चाल जाना। इस दौरान उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अब जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों को निलंबित कर दिया गया है। मंत्री जायसवाल ने डॉक्टर्स की टीम को सभी का सही से इलाज किये जाने का निर्देश दिया है।

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