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स्कूलों में शिविर लगाकर बच्चों के बनायें आयुष्मान कार्ड : कलेक्टर




 

कोरबा। कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए लक्ष्य का शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने के निर्देश दिए। जिले में डायरिया, डेंगू, मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होने जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। 

समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस एन केशरी तथा समस्त कार्यक्रम नोडल अधिकारी, जिला आयुर्वेद अधिकारी, डब्लूएचओ के एसएमओ, डीपीएम,समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, समस्त बीपीएम एवं विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। समीक्षा के दौरान सीएमएचओ डॉ केशरी  द्वारा समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्य एवं उपलब्धि की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को अपने ड्यूटी टाइम में चिकित्सालय में उपस्थित रहकर मरीजों का इलाज करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने पीवीटीजी बसाहटों  में लगातार 2-3 माह तक स्वास्थ्य शिविर लगाकर उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुचाने के निर्देश दिए। शिविर में उनका आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण, खून, शुगर, बीपी की जांच, आयुष्मान कार्ड निर्माण आदि जैसे अनेक स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं से लाभांवित करने के लिए कहा। इन बसाहटों में टीबी मरीजों का कांटेक्ट ट्रेसिंग कर उन्हें दवाइयां, निक्षय मित्रों से अटैच करने तथा टेस्ट का रेशियो पूरा करने की बात कही। उन्होने निर्देश दिए कि स्कूलों में बच्चों की आधार कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड शिविर लगाकर बनायें। कलेक्टर ने नगरीय निकाय कटघोरा के शेष 1142 एवं छुरी के 371 व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए। उन्होने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दी गई एंबुलेंस का संचालन नियमित से करने के निर्देश दिए।

बैठक में कलेक्टर ने जिले में डेंगू, डायरिया, मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु सतर्क रहने एवं सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक सभी तैयारियां सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। सभी केंद्रों में आवश्यक सभी दवाइयां की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही वनांचल सहित मैदानी क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों का संक्रमण से बचाव के लिए व्यापक प्रचार प्रसार करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने स्वास्थ्य अमले को निर्देशित करते हुए कहा कि मौसमी बीमारियों से कोई भी मृत्यु नहीं होनी चाहिए, सभी स्वास्थ्य अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें। कलेक्टर ने डेंगू, मलेरिया के संक्रमण के रोकथाम हेतु  जनजागरूकता लाने के लिए कहा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए।

जिले में संस्थागत प्रसव की उपलब्धि की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने के निर्देश दिए। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सब हेल्थ सेंटर में संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने की बात कही। उन्होंने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में माह में 10 प्रसव तथा उप स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव अनिवार्य रूप से कराने के लिए कहा। इस हेतु मितानिनों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का पंजीयन उनका नियमित स्वास्थ्य जांच एवं फालोअप लेने की हिदायत दी। उन्होंने मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर में  कमी लाने हेतु आवश्यक सभी प्रयास करने की बात कही।  बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अंतर्गत  दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की टीका,  कुष्ठ उन्मूलन, क्षय रोग,  टी.बी. एड्स, हाइपरटेंशन, अंधत्व निवारण, कृमिनाशक एवं विटामिन दवा, मनोरोग चिकित्सा, लैब आन व्हील्स कार्यक्रम की भी समीक्षा करते हुए योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने सभी योजनाओं का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु सभी अधिकारियों को व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य करने के निर्देश दिए।


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