हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार और जम्मू कश्मीर में गठबंधन की जीत के एक दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बयान दिया है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया - प्रदेश में INDIA की जीत संविधान की जीत है, लोकतांत्रिक स्वाभिमान की जीत है. हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं. अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे.
सभी हरियाणा वासियों को उनके समर्थन और हमारे बब्बर शेर कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए दिल से धन्यवाद. हक़ का, सामाजिक और आर्थिक न्याय का, सच्चाई का यह संघर्ष जारी रखेंगे, आपकी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे.
बताते चलें कि राहुल गांधी ने हरियाणा में 12 चुनावी कार्यक्रम किए. जिसमें रैली, जनसभा और यात्रा शामिल थी, लेकिन उनकी मौजूदगी कोई करिश्मा नहीं कर पायी.कांग्रेस नेता ने जिन 12 विधानसभा सीटों पर जनसभाएं की, उनमें से सिर्फ 5 सीट पर ही पार्टी को जीत मिल पाई. वहीं 4 पर बीजेपी ने जीत हासिल की. इनमें से गन्नौर, सोनीपत और बहादुरगढ़ में तो कांग्रेस को ऐसा झटका लगा कि यहां से निर्दलीय उम्मीदवार जीत गए.
गन्नौर सीट पर तो कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे. मतलब, यहां पार्टी के अंदर की खेमेबाजी राहुल गांधी के प्रचार से खत्म नहीं हो पाई. राहुल गांधी ने मंच से कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हाथ मिलवाकर पार्टी के एकजुट होने का संदेश भी दिया था, लेकिन यहां ये भी काम नहीं आया.
राहुल ने महेंद्रगढ़, नूंह, सोनीपत, गोहाना, थानेसर, नारायनगढ़, बरवाला, गन्नौर, बहादुरगढ़ और असांध विधानसभा सीटों पर प्रचार किया.
वहीं हरियाणा में पीएम मोदी की सिर्फ 4 रैलियां हुईं. लेकिन, इसका व्यापक असर इस चुनाव में मतदाताओं पर पड़ता दिखा. मोदी ने 16 अगस्त को हरियाणा में चुनाव घोषणा के बाद पहली रैली 14 सितंबर को की थी. पीएम जहां चुनावी सभा की, उन सीटों पर जीत का स्ट्राइक रेट 75 प्रतिशत रहा. यानी प्रधानमंत्री की बात और उनका साथ हरियाणा के लोगों को भी भा गया.
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