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गुयाना के पास तेल का अकूत भंडार, इस वजह से पीएम मोदी की यात्रा है खास

 


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कैरेबियाई देश गुयाना की ऐतिहासिक यात्रा पर पहुंचेंगे. उनकी तीन दिवसीय यात्रा में एनर्जी सिक्योरिटी पर बात हो सकती है. गुयाना तेल और गैस संसाधनों की खोज के बाद तेजी से विकास करने वाला देश है. उसके साथ जुड़कर भारत न केवल एनर्जी सिक्योरिटी को बढ़ावा देने की उम्मीद कर रहा है, बल्कि दुनिया के दक्षिण देशों और कैरिबियन क्षेत्र के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है.

पूरी दुनिया की गुयाना पर नजरें हैं, जिसकी वजह कच्चे तेल के अकूत भंडार हैं. ऐसी खबर पहले आ चुकी है कि गुयाना आने वाले समय में संसार के दस सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में शामिल हो सकता है. आठ अरब बैरल कच्चे तेल का भंडार यहां है.

भारत और गुयाना के बीच एनर्जी और रक्षा समझौतों की उम्मीद

पीएम मोदी की यात्रा के दौरान भारत और गुयाना के बीच एनर्जी और रक्षा समझौतों होने की उम्मीद है. भारत अनूठे इतिहास का लाभ उठाने के प्रयास में जुटा है. यहां की लगभग 40 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है. इसमें राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली भी शामिल हैं, जिनके पूर्वजों को 19वीं सदी में ब्रिटिश सरकार ने गिरमिटिया मजदूर के रूप में कैरिबियन क्षेत्र में भेजा था.

1968 के बाद किसी भारतीय पीएम की पहली गुयाना यात्रा

पीएम मोदी की गुयाना यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे. पिछले साल, राष्ट्रपति अली प्रवासी भारतीय दिवस में मुख्य अतिथि थे. उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित भी किया गया था, जो भारतीय मूल के लोगों के लिए सर्वोच्च सम्मान है. मोदी की गुयाना यात्रा 1968 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की यात्रा के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है. मोदी अली के साथ बातचीत करेंगे और गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे.


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