रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के आखिरी दिन प्रश्नकाल के दौरान बस्तर के आश्रम और छात्रावासों में बच्चों की मौतों को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने अजाजजा मंत्री रामविचार नेताम को घेरा। इसके बाद मंत्री ने इन मौतों की जांच कराने की घोषणा की।
प्रश्न काल में विधायक लखेश्वर बघेल ने उठाया। उन्होने कहा कि पिछले छ माह से एक वर्ष में 25 से अधिक बच्चों की मौतें हुई है और विभाग 14 बताकर मौतें छिपा रही है। गलत जानकारी दी गई है। और दोषी अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई अब तक। मंत्री नेताम ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में आपके अपने समय में बिठाए गए अफसर ही हैं अब तक। कलेक्टर और विभाग के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि छात्रावासों में विशेष इंतजाम रखे जाएं। बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाएं। नेताम ने 14 मौते स्वीकारते हुए कहा कि किसी भी दोषी को बचाने वाले नहीं हैं। लखेश्वर ने कहा अकेले बीजापुर में ही मलेरिया, फूड पायजनिंग, फांसी से 10 बच्चों की मृत्यु हुई है और उत्तर में तीन बताया गया है। आदिवासी बच्चे छात्रावास में सुरक्षित नहीं है। मंत्री नेताम ने कहा कि बीते 12 महीनों में आश्रम और छात्रावासों में 11 बच्चों की मौत हुई है। इनमें सड़क दुर्घटनाएं, बुखार, सिकल सेल बीमारी और मलेरिया जैसे कारण शामिल हैं। कुछ मौतों के कारण अब तक अज्ञात हैं। मंत्री ने बताया कि इस मामले में विभागीय जांच भी की जा रही है। कांग्रेस के कवासी लखमा, विक्रम उसेंडी, सावित्री मंडावी ने अपने अपने क्षेत्र में हुई मौतों की जानकारी रखी । लखमा ने बताया कि छिंदगढ़ से पास पोटा केबिन की बच्ची की तीन दिन तरल भोजन न मिलने से मौत हुई। बघेल मे कहा कि 16 दिसंबर को पांच छात्रावास में मौतें हुई।
मंत्री रामविचार नेताम ने सदन को आश्वस्त किया कि विस्तृत जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, हम किसी भी दोषी को बचाने वाले नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने कहा कि पहले ही वर्ष में इतने बच्चों की मौते गंभीरता से लेकर जांच कराई जाए। नेताम ने सभी मौतों को गंभीरता से लेकर जांच की घोषणा की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सिंह ने सभी विधायकों से कहा कि पूरी जानकारी लिखित में मंत्री को दे दें जांच करा लेंगे।
0 Comments