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मैत्री बाग चिडिय़ाघर में बनाया जा रहा दो सौ किलोवाट क्षमता का एलिवेटेड सौर ऊर्जा संयंत्र

 

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र की आपूर्ति के लिए, बीएसपी एवं क्रेडा के संयुक्त तत्वाधान में 200 किलोवाट क्षमता का राज्य का पहला एलिवेटेड सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जिसकी स्थापना एवं कमीशनिंग का कार्य पूर्व ही प्रारंभ किया जा चुका है।

इस सौर ऊर्जा संयंत्र को एलिवेटेड मॉडल के रूप में स्थापित करने का यह उद्देश्य है कि इसके नीचे की जमीन का उपयोग जानवरों के लिए चारा उत्पादन में किया जा सके। परियोजना से प्राप्त बिजली का उपयोग मैत्री बाग एवं निकटवर्ती जवाहर उद्यान में किया जाएगा। यह सौर संयंत्र, सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे ऊंची संरचनाओं में से एक है,  इसकी सामने की ऊंचाई 3.5 मीटर है जो जमीन से 5.5 मीटर की ऊंचाई तक पीछे की ओर बढऩे पर क्रमश: बढ़ती जाती है।

इस ऊँचाई को प्राप्त करने एवं पूरे ढांचे की स्थिरता बनाए रखने के लिए इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है जिसका वजन लगभग 30 टन है जो कि पुन: 200 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु उपयोग की जाने वाली सबसे भारी सौर संरचनाओं में से एक है। ज्ञात हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक मानव संसाधन पवन कुमार ने 30 जुलाई 2024 को मैत्री बाग इस सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए भूमिपूजन किया था।


इस परियोजना को जनवरी माह तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देता है। विदित हो कि हरित ऊर्जा, नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होने वाली ऊर्जा के लिए एक शब्द है। हरित ऊर्जा को अक्सर स्वच्छ, टिकाऊ या नवीकरणीय ऊर्जा के रूप में संदर्भित किया जाता है। हरित ऊर्जा के उत्पादन से वायुमंडल में जहरीली ग्रीनहाउस गैसें नहीं निकलती हैं, जिसका अर्थ है कि इससे पर्यावरण पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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