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सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

बालोद। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के निर्देशानुसार आज संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी निमोरा से उपस्थित प्रसिद्ध प्रशिक्षक प्रवीण झलानी के द्वारा जिले के अधिकारी-कर्मचारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम की संकल्पना, इसके विभिन्न प्रावधानों तथा इस अधिनियम के बारिकियों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि राज्य सूचना आयोग के निर्देशानुसार सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के व्यापक प्रचार-प्रसार तथा जिला स्तर पर जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को इस अधिनियम के संबंध में समुचित जानकारी प्रदान कराने के अलावा इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं के निराकरण के उपायों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक एवं राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों के अलावा जिले के प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं जन सूचना अधिकारी तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

कार्यशाला में प्रशिक्षक प्रवीण झलानी ने बताया कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आवेदन लिखित एवं स्पष्ट होना चाहिए। इसके अलावा इस अधिनियम के अंतर्गत आवेदन में चाही गई जानकारी एक विषयवस्तु से संबंधित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आवेदक को आवेदन पत्र के साथ 10 रुपये का शुल्क अनिवार्य रूप से जमा करना आवश्यक है। इस दौरान प्रशिक्षक द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों को प्राप्त आवेदन पत्र के जवाब देने के प्रक्रियाओं के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कार्यालय में आवेदन पत्र प्राप्त होने के तिथि के पहले की जानकारी देना होता है। पत्र प्राप्त होने के बाद की जानकारी नही दी जा सकती है। प्रशिक्षक श्री प्रवीण झलानी ने कहा कि 30 दिनों के अवधि तक यदि जन सूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी नही दी जाती है तो यह मान लिया जाता है कि जन सूचना अधिकारी जानकारी देने के इच्छुक नही है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आवेदकों को स्वयं की जानकारी निःशुल्क देना आवश्यक है। लेकिन उसे किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित जानकारी 50 पेज और अधिकतम 100 रुपये तक की ही जानकारी निःशुल्क प्रदान की जा सकती है। उन्होंने बताया कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आवेदकों को निःशुल्क चाही गई दस्तावेजों का अवलोकन कराना आवश्यक है। इस दौरान प्रशिक्षक प्रवीण झलानी द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

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